DELHI में यमुना नदी अलर्ट 2025: जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर, बाढ़ का खतरा

आज का ब्लॉग DELHI की जीवनरेखा यमुना नदी पर केंद्रित है, जो इन दिनों फिर से सुर्खियों में है। 21 अगस्त 2025 को, DELHI में यमुना का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे राजधानी में बाढ़ का अलर्ट जारी हो गया है। भारी बारिश और ऊपरी बैराजों से पानी छोड़े जाने के कारण यह स्थिति बनी है। इस ब्लॉग में हम वर्तमान स्थिति, कारणों, सरकारी प्रतिक्रिया, प्रभावित क्षेत्रों और ऐतिहासिक संदर्भ पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

वर्तमान स्थिति: यमुना का जल स्तर और अलर्ट

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DELHI में यमुना नदी का जल स्तर आज सुबह ओल्ड रेलवे ब्रिज पर 205.78 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार, यह स्तर लगातार बढ़ रहा है, हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में यह कहा गया है कि अब इसमें गिरावट आ रही है। बुधवार को जल स्तर खतरे के निशान से नीचे आने की उम्मीद है, लेकिन निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बरकरार है।

हथनीकुंड बैराज से लगभग 38,361 क्यूसेक पानी और वजीराबाद बैराज से 68,230 क्यूसेक पानी हर घंटे छोड़ा जा रहा है। यह पानी DELHI पहुंचने में 48 से 50 घंटे लगता है, जिससे जल स्तर में वृद्धि हो रही है। DELHI के लोहा पुल पर यमुना का बहाव खतरे के करीब पहुंच गया है, और यमुना बाजार जैसे क्षेत्रों में पानी भरना शुरू हो गया है। स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है, और कुछ जगहों पर निकासी की तैयारी शुरू हो गई है।

कारण: क्यों बढ़ रहा है यमुना का जल स्तर?

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यमुना के जल स्तर में वृद्धि के मुख्य कारण भारी बारिश और बैराजों से पानी का रिलीज हैं। DELHI और उसके ऊपरी क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है, जिससे हथनीकुंड और वजीराबाद बैराजों से पानी छोड़ना पड़ रहा है। सीडब्ल्यूसी के डेटा के अनुसार, 17 अगस्त को जल स्तर 204.63 मीटर था, जो 19 अगस्त तक 205.77 मीटर हो गया।

यह समस्या हर साल दोहराई जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि हथनीकुंड बैराज से पानी रिलीज तो एक कारण है, लेकिन DELHI में यमुना की संकरी घाटी, अतिक्रमण और अपर्याप्त ड्रेनेज सिस्टम भी जिम्मेदार हैं। उदाहरण के लिए, 2013 और 2019 में रिकॉर्ड डिस्चार्ज के बावजूद बाढ़ आई, जबकि 2023 में कम डिस्चार्ज पर भी रिकॉर्ड स्तर 208.66 मीटर पहुंचा। अनधिकृत कॉलोनियां, जैसे नोएडा के पास की, बाढ़ के मैदानों में बसी हैं, जो समस्या को बढ़ाती हैं।

इसके अलावा, प्रदूषण भी एक बड़ा मुद्दा है। यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ने से पानी की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, हालांकि आज का अलर्ट मुख्य रूप से जल स्तर पर है।

सरकारी प्रतिक्रिया: क्या कर रही है DELHI सरकार?

DELHI की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यमुना बाजार और अन्य प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, जहां उन्होंने निवासियों को आश्वासन दिया कि सरकार 24×7 अलर्ट पर है और कोई बड़ी बाढ़ नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि जल स्तर 204.76 मीटर पर है और गिरावट की उम्मीद है। सरकार ने बाढ़ नियंत्रण विभाग को निर्देश दिए हैं कि रेगुलेटर पूरी तरह कार्यरत रहें और सड़कों को सूखा रखा जाए।

निवासियों को निकालने की तैयारी में, मयूर विहार में जर्मन टेंट लगाए गए हैं, जहां भोजन और पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को तैनात किया गया है, और जिलाधिकारियों को फ्लड एक्शन प्लान के तहत काम करने के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहली बार है जब कोई सीएम मानसून में ऐसे क्षेत्रों का दौरा कर रही हैं, जिसकी स्थानीय लोगों ने सराहना की।

केंद्र सरकार भी नजर रखे हुए है। आईएमडी ने आज के लिए बादल छाए रहने और हल्की बारिश की भविष्यवाणी की है, जिससे स्थिति और खराब हो सकती है।

प्रभावित क्षेत्र और लोगों पर असर

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यमुना के किनारे बसे निचले इलाकों जैसे यमुना बाजार, कलिंदी कुंज, मयूर विहार, शास्त्री पार्क और निगम बोध घाट सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। यहां पानी घुसने से सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं, और यातायात प्रभावित है। एक रिपोर्ट के अनुसार, यमुना बाजार में पानी भरने से दुकानें बंद हैं, और लोग ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि हर साल यह समस्या आती है, लेकिन स्थायी समाधान नहीं होता। एक एक्स पोस्ट में कहा गया कि अनधिकृत कॉलोनियां समस्या की जड़ हैं, और एफएसआई कैप हटाने से समस्या हल हो सकती है। स्वास्थ्य के लिहाज से, बढ़ते पानी से मच्छर और बीमारियां फैलने का खतरा है। पिछले साल अगस्त में 390.9 मिमी बारिश हुई थी, जो रिकॉर्ड थी, और इस साल भी ऐसा ही लग रहा है।

यमुना की बाढ़ का इतिहास

यमुना की बाढ़ DELHI के लिए नई नहीं है। 1978 में जल स्तर 207.49 मीटर पहुंचा था, जो रिकॉर्ड था। 2023 में 208.66 मीटर का नया रिकॉर्ड बना, जब 3.6 लाख क्यूसेक पानी रिलीज हुआ। हर मानसून में यह समस्या आती है, क्योंकि DELHI की यमुना घाटी संकरी है और अतिक्रमण बढ़ा है।

सरकार ने यमुना सफाई के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, जैसे नामामी गंगे, लेकिन प्रदूषण अभी भी एक बड़ा मुद्दा है। जुलाई में डीपीसीसी ने पानी की गुणवत्ता में सुधार की रिपोर्ट दी, लेकिन अमोनिया स्तर अभी भी ऊंचा है। विशेषज्ञों का कहना है कि बाढ़ नियंत्रण के लिए बैराज प्रबंधन, ड्रेनेज सुधार और अतिक्रमण हटाना जरूरी है।

DELHI में यमुना का अलर्ट एक चेतावनी है कि हमें स्थायी समाधानों की जरूरत है। सरकारी प्रयास अच्छे हैं, लेकिन लंबी अवधि के लिए बैराज प्रबंधन, अतिक्रमण हटाना और जलवायु परिवर्तन से निपटना जरूरी है। पाठकों, यदि आप प्रभावित क्षेत्र में हैं, तो सतर्क रहें और सरकारी निर्देशों का पालन करें।

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