Punjab इस समय दशकों में आई सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है। भारी बारिश और पड़ोसी राज्यों हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर से छोड़े गए पानी ने सतलुज, ब्यास और रावी नदियों को उफान पर ला दिया है। इसका असर राज्य के कई जिलों पर पड़ा है। अब तक कम से कम 29 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,300 से अधिक गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं।
गुरदासपुर, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, फिरोज़पुर, फाजिल्का, होशियारपुर और तरनतारन जैसे जिले सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं। लाखों लोग बेघर हो गए हैं और हजारों परिवार अस्थायी राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं।
Punjab बाढ़ की स्थिति और प्रभाव
रिकॉर्डतोड़ बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, अगस्त 2025 में पंजाब में 253.7 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 74% अधिक है। यह पिछले 25 वर्षों में अगस्त महीने की सबसे अधिक बारिश है। लगातार बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी ने नदी-नालों के जलस्तर को खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा दिया है।
- पौंग बांध का जलस्तर 1,391.05 फीट तक पहुंच गया, जबकि इसका खतरे का निशान 1,390 फीट है।
- सतलुज और ब्यास नदी के किनारे बसे गांवों में पानी घुस गया है।
कृषि पर तबाही
- करीब 3 लाख एकड़ धान की खेती पानी में डूब गई है।
- धान की फसल कटाई के करीब थी, ऐसे में किसानों को भारी आर्थिक झटका लगा है।
- कपास और सब्ज़ियों की फसलें भी बर्बाद हो गई हैं।
पशुधन और ग्रामीण आजीविका
- हज़ारों पशु बाढ़ में बह गए या बीमार हो गए हैं।
- चारे और साफ पानी की भारी कमी है।
- डेयरी और पशुपालन पर निर्भर ग्रामीण परिवारों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।
मानवीय क्षति और विस्थापन
- अब तक 29 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
- गुरदासपुर – 8
- होशियारपुर – 7
- बाकी मौतें अन्य जिलों से हैं।
- 2.56 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
- 6,582 लोगों को 122 राहत शिविरों में सुरक्षित पहुँचाया गया है।
राहत और बचाव कार्य

राज्य और केंद्र सरकार के साथ-साथ सेना, वायुसेना, NDRF, BSF और पंजाब पुलिस ने राहत कार्य तेज़ कर दिए हैं।
- 16,039 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है।
- 77 राहत शिविरों में 4,729 लोगों को भोजन, पानी और दवाइयाँ दी जा रही हैं।
- स्वास्थ्य विभाग को जलजनित बीमारियों पर नियंत्रण के लिए अलर्ट पर रखा गया है।
सेलिब्रिटी और सामाजिक संगठनों की मदद
- दिलजीत दोसांझ ने गुरदासपुर और अमृतसर के 10 गांवों को गोद लिया है।
- अम्मी विर्क 200 परिवारों को आर्थिक और खाद्य सामग्री सहायता दे रहे हैं।
- सोनू सूद और कई गुरुद्वारे लंगर और राहत सामग्री भेज रहे हैं।
राजनीतिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
- मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस बाढ़ को “हाल के इतिहास की सबसे भयंकर त्रासदी” बताया है।
- उन्होंने केंद्र से 60,000 करोड़ रुपये की बकाया राशि जारी करने की मांग की है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री से बात कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
- वहीं, पंजाब के वित्त मंत्री ने केंद्र पर “आपदा को अनदेखा करने” का आरोप लगाया है।
- कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह राजा वरिंग ने बांधों के कुप्रबंधन को इस बाढ़ की बड़ी वजह बताते हुए इसे “मानव निर्मित आपदा” करार दिया।
भविष्य की चिंताएं
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 3-4 सितंबर 2025 तक भारी बारिश जारी रह सकती है।
- गुरदासपुर, होशियारपुर, कपूरथला, जालंधर, पटियाला और नवांशहर में रेड अलर्ट जारी है।
- सभी स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान 3 सितंबर तक बंद रहेंगे।
Punjab की यह बाढ़ केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं है, बल्कि यह हमें जलवायु परिवर्तन और बांध प्रबंधन की खामियों की भी याद दिलाती है। सरकार, सेना, सामाजिक संगठन और आम नागरिक मिलकर राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।
लेकिन असली चुनौती होगी –
- प्रभावित लोगों का पुनर्वास,
- किसानों को आर्थिक मुआवजा,
- और दीर्घकालिक समाधान ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी से बचा जा सके।
Punjab Flood 2025 ने पंजाब की ज़मीन, फसलों और लोगों को भारी नुकसान पहुँचाया है, लेकिन इस कठिन समय में Punjab की एकजुटता और “सरबत दा भला” की भावना ही इसे पार करने की ताकत बनेगी।

