Dhadak 2, 2018 की सफल फिल्म धड़क की एक आध्यात्मिक सीक्वल के रूप में 1 अगस्त 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई। इस फिल्म का निर्देशन शाज़िया इकबाल ने किया है, जो अपने पहले निर्देशन प्रयास में एक साहसिक और संवेदनशील सामाजिक विषय को छूने का प्रयास करती हैं। यह फिल्म 2018 की समीक्षकों द्वारा सराही गई तमिल फिल्म ‘परियेरम पेरुमल’ की हिंदी रीमेक है। इसमें प्रेम कहानी के माध्यम से भारतीय समाज में गहराई से जड़ें जमा चुके जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानताओं पर प्रकाश डाला गया है।
फिल्म की केंद्रीय जोड़ी में सिद्धांत चतुर्वेदी और तृप्ति डिमरी जैसे युवा और प्रतिभाशाली कलाकार हैं, जिन्होंने अपनी अभिनय क्षमता से कहानी को सजीव बना दिया है। यह ब्लॉग Dhadak 2 के बजट, कास्ट, शूटिंग स्थल, निर्देशन, निर्माण और समीक्षाओं के विस्तृत विश्लेषण के माध्यम से इस फिल्म की गहराई में जाने का प्रयास करता है।
Movie Budget

Dhadak 2 का कुल बजट ₹30-40 करोड़ के बीच अनुमानित किया गया है, हालांकि इसके आधिकारिक आंकड़े निर्माताओं द्वारा सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। इस बजट में विभिन्न प्रमुख घटकों का समावेश है:
Cast and Crew

सिद्धांत चतुर्वेदी और तृप्ति डिमरी की लोकप्रियता को देखते हुए उनकी फीस फिल्म के बजट में बड़ा योगदान देती है। निर्देशक शाज़िया इकबाल को बतौर डेब्यू डायरेक्टर अवसर देने के बावजूद, उनका दृष्टिकोण फिल्म के गुणवत्ता में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है।
Producer and Director name
Dhadak 2 का निर्देशन शाज़िया इकबाल ने किया है, जिनके लिए यह फिल्म निर्देशन की पहली कोशिश है। उन्होंने एक संवेदनशील विषय को बेहद यथार्थपूर्ण दृष्टिकोण से प्रस्तुत करने की कोशिश की है। उनकी शैली में सूक्ष्मता, सामाजिक जागरूकता और भावनात्मक गहराई स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है। हालांकि, फिल्म के कुछ हिस्सों में गति और समापन की प्रस्तुति में सुधार की गुंजाइश है।
निर्माताओं की टीम में शामिल हैं:
- करण जौहर (धर्मा प्रोडक्शन्स)
- अपूर्व मेहता
- आदर पूनावाला
- मीनू अरोड़ा
- उमेश केआर बंसल
- सोमेन मिश्रा
- प्रगति देशमुख इनकी सामूहिक विशेषज्ञता ने फिल्म को तकनीकी, रचनात्मक और वित्तीय दृष्टि से एक सशक्त आधार प्रदान किया है।
Actress
मुख्य भूमिकाओं में सिद्धांत चतुर्वेदी और तृप्ति डिमरी हैं। सिद्धांत ने “नीलेश” का किरदार निभाया है, जो एक दलित पृष्ठभूमि से आया हुआ लॉ स्टूडेंट है। उनका किरदार आत्मसम्मान, संघर्ष और प्रेम के बीच जूझते हुए दर्शकों के साथ गहरा संबंध बनाता है।
तृप्ति डिमरी “विधिशा” की भूमिका में हैं, जो उच्च जाति की पृष्ठभूमि से आती हैं। उनका किरदार भोली लेकिन विचारशील लड़की का है, जो सामाजिक बेड़ियों के बीच प्रेम को जीने की कोशिश करती है।
सहायक भूमिकाओं में:
- ज़ाकिर हुसैन (कॉलेज डीन के रूप में)
- विपिन शर्मा (नीलेश के पिता)
- दीक्षा जोशी (विधिशा की बहन निमिषा) इन कलाकारों ने अपनी भूमिकाओं में गहराई और प्रामाणिकता लाई है।
Shooting Locations

Dhadak 2 की शूटिंग मध्य प्रदेश के भोपाल और सिहोर जैसे छोटे शहरों में की गई है, जो भारत की जातीय और सामाजिक संरचना की जमीनी हकीकत को दिखाने में सहायक हैं। कॉलेज के दृश्यों को मुंबई स्थित सोमैया विद्याविहार यूनिवर्सिटी में शूट किया गया है। इन लोकेशनों ने फिल्म को शहरी और ग्रामीण दोनों प्रकार की सामाजिक जटिलताओं के यथार्थ चित्रण में सक्षम बनाया है। यह स्थान मूल ‘धड़क’ फिल्म के भव्य और सुरम्य सेटिंग्स से अलग हैं और फिल्म को और अधिक यथार्थवादी बनाते हैं।
धड़क 2 को समीक्षकों से मिश्रित लेकिन विचारोत्तेजक प्रतिक्रियाएं मिली हैं।
बॉलीवुड हंगामा (3.5/5) | जातिगत मुद्दों पर बेबाक टिप्पणी, लेकिन कमजोर संगीत और धीमा पहला हाफ |
टाइम्स ऑफ इंडिया (3.5/5) | चतुर्वेदी का उत्कृष्ट अभिनय, भावनात्मक दृश्यों की तारीफ, पर क्लाइमैक्स संयमित। |
हिंदुस्तान टाइम्स | पहले भाग में सुस्ती और असंगत टोन, पर दूसरा भाग गहराई लाता है। |
पिंकविला | सामाजिक संदेश प्रभावशाली, पर चरमोत्कर्ष में जल्दबाज़ी। |
फर्स्टपोस्ट | जाति, सम्मान और प्रेम की कहानी को सशक्त रूप से प्रस्तुत करती है, हालांकि मूल तमिल फिल्म की गहराई को पूरी तरह नहीं छू पाती। |
songs release date
- “बस एक धड़क” (रिलीज़: 16 जुलाई 2025)
- “प्रीत रे” (रिलीज़: 21 जुलाई 2025)
- “दुनिया अलग” (रिलीज़: 28 जुलाई 2025) इन गानों के बोल और धुनें कहानी के साथ अच्छी तरह मेल खाते हैं, हालांकि उनमें वह स्थायी प्रभाव नहीं है जो लंबे समय तक दर्शकों की स्मृति में रह सके। तनुज तिकु का बैकग्राउंड स्कोर फिल्म की संवेदनशीलता और टोन को मजबूती देता है। सिल्वेस्टर फोन्सेका की सिनेमैटोग्राफी, प्रकाश और फ्रेमिंग के माध्यम से, फिल्म को एक प्रामाणिक और गहराईपूर्ण स्वरूप प्रदान करती है।
Dhadak 2 एक प्रयास है जो प्रेम कहानी के माध्यम से सामाजिक अन्याय को उजागर करता है। शाज़िया इकबाल का निर्देशन, सिद्धांत और तृप्ति का प्रदर्शन, और सशक्त तकनीकी क्रू इसे एक विचारणीय सिनेमाई अनुभव बनाते हैं। हालाँकि इसकी सीमाएँ – जैसे गति की अनियमितता और क्लाइमैक्स की जल्दबाज़ी – स्पष्ट हैं, फिर भी यह फिल्म अपनी सामाजिक प्रासंगिकता और संवेदनशील प्रस्तुतिकरण के कारण विशेष महत्व रखती है। बॉक्स ऑफिस पर इसकी सफलता दर्शकों की प्रतिक्रियाओं और मजबूत मौखिक प्रचार पर निर्भर करती है। क्या आपने Dhadak 2 देखी है? नीचे कमेंट्स में अपनी राय ज़रूर साझा करें।
